Govardhan Puja 2024 | गोवर्धन पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र, आरती

Govardhan Puja 2024: इस साल दीपोत्सव का पर्व कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है और इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। दीपोत्सव का त्योहार पांच दिनों तक बनाया जाता है और इसके चौथे दिन गोवर्धन पूजा मनाया जाता है। आपको बता दें कि हर साल गोवर्धन पूजा कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन मनाया जाता है। 

गोवर्धन पूजा को वैसे तो पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है लेकिन सबसे ज्यादा इसे उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा के अवसर पर सभी महिलाएं अपने घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनती हैं और उनकी विधि विधान द्वारा पूजा करती है। 

गोवर्धन पूजा से जुड़ा भगवान कृष्ण का एक रोचक कथा है, और ऐसा माना जाता है कि गोवर्धन पूजा करने से जीवन में सुख और समृद्धि की बढ़ोतरी होती है। ऐसे में आज के इस लेख के द्वारा हम आपको Govardhan Puja 2024 | गोवर्धन पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र, आरती आदि के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले हैं। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि साल 2024 में गोवर्धन पूजा कब है और यह कैसे मनाया जाता है तो नीचे दिए गए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

Govardhan Puja 2024 Date | गोवर्धन पूजा 2024 तिथि

आपको बता दे की हर साल दीपावली के दो दिन बाद गोवर्धन पूजा को मनाया जाता है, लेकिन साल 2024 में ऐसा नहीं होने वाला है क्योंकि इस साल कार्तिक अमावस्या दो दिन तक रहेगा। इस साल दीपावली 31 अक्टूबर यानी गुरुवार को मनाए जाने वाली है और इसके अगले दिन यानी 1 नवंबर, शुक्रवार को अमावस्या तिथि शाम 6:16 तक रहेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार गोवर्धन पूजा सुबह करने वाला पूजा है जो 2 नवंबर शनिवार को बन रही है। इस हिसाब से इस साल गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को मनाया जाएगा।

Govardhan Puja 2024 Muhrat | गोवर्धन पूजा 2024 मुहूर्त

गोवर्धन पूजा के अवसर पर सभी महिलाओं को गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त में करना चाहिए जिससे अधिक लाभ पहुंचता है। साल 2024 के गोवर्धन पूजा करने का शुभ मुहूर्त 2 नवंबर 2024 को सुबह 6:00 से लेकर 8:00 तक का होगा। इसके अलावा गोवर्धन पूजा के दिन दोपहर 3:30 से लेकर 5:35 तक भी शुभ मुहूर्त रहेगा। महिलाओं द्वारा इन दोनों शुभ मुहूर्त में गोवर्धन पूजा करने से शुभ परिणाम प्राप्त होता है।

Also Read: दीपावली हार्दिक शुभकामनाएं सन्देश

Govardhan Puja 2024 Vidhi | गोवर्धन पूजा 2024 विधि

गोवर्धन पूजा का काफी ज्यादा महत्व है इस कारण हमेशा गोवर्धन पूजा विधि विधान के द्वारा करना चाहिए। यहां पर हमने आपको गोवर्धन पूजा करने शुभ विधि बताई है जिसे पालन करके आप गोवर्धन पूजा कर सकते हैं।

  • सबसे पहले गोवर्धन पूजा के दिन सभी महिलाओं को सुबह उठकर स्नान करना चाहिए और फिर गोवर्धन पूजा का व्रत पूजा संकल्प लेना चाहिए।
  • इसके बाद ऊपर बताए गए गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त पर अपने घर के मुख्य दरवाजे पर या अपने आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाना होगा।
  • अब इस पर भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें।
  • इसके बाद भगवान श्री कृष्णा पर फूलों की माला, कुमकुम, चावल आदि चढ़ाएं।
  • इसके बाद गोवर्धन पर्वत के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं, और फिर अलग-अलग प्रकार के पकवानों को भगवान पर भोग लगाएं।
  • गोवर्धन पूजा के दौरान मंत्र का उच्चारण करें और अंत में आरती भी करें।
  • गोवर्धन पूजा के दिन भगवान इंद्र, श्री कृष्णा, अरुण, अग्नि और राजा बलि की पूजा करना चाहिए जिससे आपको शुभ लाभ मिलेगा।
  • अगर आप इसमें सक्षम हो तो इस दिन किसी भी योग ब्राह्मण को भोजन कारण और अपनी अनुसार दान दक्षिणा देकर ही विदा करें।

गोवर्धन पूजा क्यों किया जाता है?

गँथो के अनुसार गोवर्धन पूजा मनाने का महत्व काफी ज्यादा है, पुरानी कथाओं के हिसाब से भगवान श्री कृष्णा जब बच्चा थे तब इस पूजा का त्यौहार आया था। इस मौके पर कृष्ण जी ने अपने पिता नंद से इसका कारण पूछा था तब उनके पिता नंद बाबा ने यह बताया था कि इंद्रदेव की बारिश से ही गोवर्धन पर्वत पर घास, अनाज और  वनस्पतियों का उत्पन्न होता है, और इसी से हमारा पालन पोषण होता है। इसीलिए हम लोग भगवान इंद्र की पूजा करते हैं।

इस बात को सुनकर भगवान श्री कृष्ण ने अपने पिता नंद बाबा से कहा कि बारिश करना तो इंद्र का काम हैं। हमारा पालन पोषण गोवर्धन पर्वत करता है इसलिए हमें इंद्र भगवान की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए। इस बात को सुनकर सभी गांव वालों श्री कृष्ण की बात मान ली और गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे। इस बात से भगवान इंद्र काफी ज्यादा क्रोधित हो गए और गुस्से में आकर इंद्र भगवान ने नंद गांव के ऊपर मूसलाधार बारिश की जिसके कारण सभी लोग परेशान हो गए। 

Aइसी घटना के दौरान श्री कृष्ण ने नंद गांव को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कहानी उंगली पर उठा लिया था, इसी पर्वत के नीचे सभी गांव वाले और पशु पक्षी आ गए और स्वयं को सुरक्षित महसूस करने लगे। इसे देखकर भगवान इंद्र को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने श्री कृष्ण से आकर क्षमा मांगा था। इसी घटना के बाद हर साल गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जा रहा है।

Also Read: Diwali Puja 2024 | Lakshmi Pujan | लक्ष्मी पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र, आरती

गोवर्धन पूजा मंत्र | Govardhan Puja Mantra

गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।

विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।

गोवर्धन पूजा आरती | Govardhan Puja Aarti

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥

तोपे* पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार।
॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥

तेरे गले में कंठा साज रेहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल।
॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥

तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ,
तेरी झांकी बनी विशाल।
॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥

तेरी सात कोस की परिकम्मा,
चकलेश्वर है विश्राम।

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।

गिरिराज धारण प्रभु तेरी शरण।

निष्कर्ष:

दीपावली के एक दिन बाद गोवर्धन पूजा का त्यौहार मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा को सबसे ज्यादा महत्व बिहार और उत्तर प्रदेश में राज्य में दिया जाता है। इस दिन सभी महिलाएं अपने घर में गोबर से गोवर्धन पूजा की जाकर बनती है और उनकी पूजा करती है। ऐसे में इस साल गोवर्धन पूजा आने में सिर्फ कुछ ही दिन बचा है।

इसीलिए आज के इस लेख के द्वारा हम आपको Govardhan Puja 2024 | गोवर्धन पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र, आरती आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अगर आप भी इन बातों को जानना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए लेख को अंत तक पढ़े। उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आया होगा | धन्यवाद।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *