Diwali Kab Hai 2024: हिंदू धर्म में दीपावली को एक प्रमुख पर्व माना गया है, दीपावली त्यौहार का लोग इंतजार काफी बेसब्री से करते हैं। दीपावली में व्यापारियों का आमदनी बढ़ता है और साथ ही बाहर रहने वाले लोगों को घर के परिवार से मिलने का खुशी होता है। दीपावली को एक खुशियों का त्योहार माना गया है। दीपावली के अवसर पर घर में अच्छे-अच्छे पकवान बनाए जाते हैं और सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं।
दीपावली के दिन सभी घरों में दिए जलाए जाते हैं और अपनों के साथ मिलकर पटाखे फोड़े जाते हैं। इस दिन सभी लोग एक दूसरे को उपहार देते हैं और साथ में खुशियां मनाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि दीपावली क्यों मनाई जाती है? या दीपावली का महत्व क्या है? दीपावली को लेकर बहुत से लोगों के बीच अलग-अलग धारणाएं हैं।
ऐसे में आज के इस लेख के द्वारा हम आपको दीपावली (Diwali 2024) कब और क्यों मनाई जाती है? जानें इतिहास, महत्व और थीम जैसे चीजों के बारे में जानकारी देने वाले हैं। अगर आप भी दीपावली से जुड़ी इन सभी बातों को जानना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लेखक को अंत तक जरूर पढ़ें।
दीपावली कब मनाई जाती है?
Diwali Kab Hai : आपको बता दे की दीपावली का त्योहार हर साल कार्तिक महीने के अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। दीपावली के दिन माता लक्ष्मी भगवान गणेश, धनवंतरी, और कुबेर की पूजा की जाती है। इस साल दीपावली का त्यौहार 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाने वाला है।
दीपावली के अवसर पर लोग अपने घरों में दीपक जलते हैं और रंगोली, फूलों लाइट्स आदि जैसे चीजों से अपने घरों को सजाते हैं। दीपावली को खुशियों का त्योहार माना गया है और इस दिल सभी लोग एक दूसरे के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं। दीपावली के दिन घर में नए-नए पकवान बनते हैं और सभी लोग मिलकर पटाखे जलाते हैं।
दीपावली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है, इसलिए हिंदू धर्म में दीपावली का काफी ज्यादा महत्व है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दीपावली को क्यों मनाया जाता है और दीपावली पर्व की शुरुआत कब हुई थी? दीपावली पर मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं शामिल हैं जो की बेहद महत्वपूर्ण है। तो इन कथाओं के बारे में जानने के लिए नीचे दिए गए लेख को पढ़े।
दीपावली क्यों मनाई जाती है?
हर साल भारत वर्ष में सभी जगह दीपावली को काफी धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन आपको पता है कि दीपावली को क्यों मनाते हैं। इस बात को लेकर कई सारी पौराणिक कथाएं मौजूद हैं लेकिन सबसे प्रसिद्ध कथा रामायण से जुड़ा हुआ है।
रामायण के हिसाब से जब भगवान राम लंका पति रावण का वध करके माता सीता लक्ष्मण भाई के साथ अयोध्या वापस लौटे थे तब अयोध्या नगरी में सभी लोगों के द्वारा उनके वापसी के खुशी में दीप जलाया गया था।
राम जी के आने की खुशी में पूरे अयोध्या को दीपों से सजाया गया था। ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम के 14 वर्षों का बनवास खत्म होने के बाद जब अयोध्या आगमन हुआ था तब दिवाली मनाई जाती है। इसी दिन के बाद से दीपावली का पर्व को अंधकार पर विजय का प्रतीक माना गया है।
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दीपावली का इतिहास
दीपावली मनाने का सबसे मुख्य कारण श्री राम के 14 साल वनवास के बाद अयोध्या लौटना ही माना गया है लेकिन इसके बावजूद दीपावली के कई और इतिहास भी मौजूद हैं जिसके बारे में हमने यहां बताया है:-
भगवान कृष्ण के हाथों नरकासुर का वध
दीपावली को लेकर एक ऐसी भी कथा है कि भगवान श्री कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा के मदद से असुर राजा नरकासुर का वध किया था। नरकासुर को यह शराब मिला था कि वह सिर्फ स्त्री के हाथों ही मर सकता है, ऐसे में श्री कृष्ण ने कार्तिक मास के चतुर्थी तिथि के दिन ही नरकासुर का वध किया था। नरकासुर के वध के बाद अत्याचार से मुक्ति मिलने की खुशी में लोगों के द्वारा दीपोत्सव मनाया गया था और इसके अगले दिन दीपावली मनाई गई थी।
पांडवों की घर वापसी
दीपावली को लेकर एक और कथा है जिसका संबंध महाभारत से है। भगवान श्री राम के जैसे ही पांडवों को भी वनवास जाना पड़ा था। वही जब पांडवों ने अपना वनवास खत्म करके घर लौटे थे तो इसी खुशी में पूरे नगरी में दीप जलाए गए थे और तभी से दीपावली की शुरुआत हुई है।
माता लक्ष्मी का अवतार
दीपावली को लेकर एक और बहुत लोकप्रिय कथा है जो की समुद्र मंथन से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी ने सृष्टि में अवतार लिया था, जो भी मुख्य कारणों में से एक माना गया है। माता लक्ष्मी को धन और स्मृति की देवी माना जाता है और इसी कारण दीपावली के अवसर पर हर घर में माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। दीपावली मनाने का यह भी एक मुख्य कारण हो सकता है।
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दीपावली का महत्व
दिवाली सिर्फ मनाने का त्योहार नहीं है, बल्कि इसका महत्व समझना भी जरूरी है। हर त्योहार हमें रोजमर्रा की जिंदगी से थोड़ा अलग होकर अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुशियाँ मनाने का मौका देता है। अगर हम हर दिन एक जैसा जिएंगे, तो जीवन बोरिंग हो जाएगा। त्योहार हमें एक नई ऊर्जा और उमंग देते हैं, जिससे हम फिर से अपने काम में जुट जाते हैं।
दिवाली का खास महत्व श्रीराम से जुड़ा हुआ है। जब श्रीराम अयोध्या लौटे थे, तब लोगों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। श्रीराम हमें सही रास्ते पर चलने और जीवन में अच्छे गुण अपनाने की प्रेरणा देते हैं। अगर हम उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएंगे, तो हमारी सारी समस्याएँ खत्म हो सकती हैं, और यह दुनिया भी सुंदर जगह बन जाएगी। दिवाली असल में श्रीराम के गुणों को अपनाने का पर्व है।
दिवाली हमें यह भी सिखाती है कि हमें अपने धन का सम्मान करना चाहिए और उसे सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ ही, यह त्योहार स्वच्छता का महत्व भी बताता है। अगर हम अपने आस-पास सफाई रखेंगे, तो ही हम स्वस्थ रह पाएंगे। और जब हम स्वस्थ रहेंगे, तभी तो अच्छे से काम कर पाएंगे और धन कमा सकेंगे। इन सब वजहों से दिवाली का महत्व और भी बढ़ जाता है।
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निष्कर्ष:
भारत में छोटे बच्चों से लेकर बड़े बूढ़े सभी लोगों को दीपावली का इंतजार काफी बेसब्री से होता है। दीपावली एक ऐसा पर्व है जहां लोग एक दूसरे के साथ खुशियां मनाते हैं। ऐसे में क्या आपको इस बात की जानकारी है कि हम लोग दीपावली को क्यों मनाते हैं। दीपावली मनाने के पीछे कई कारण है जिसकी जानकारी बहुत से लोगों को नहीं हैं।
ऐसे में आज के इसलिए के द्वारा हम आपको दीपावली कब और क्यों मनाई जाती है? जानें इतिहास, महत्व के बारे में विस्तार से बताया हैं। अगर आप भी इसके बारे में जानकारी एकत्रित करना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए लिंक को अंत तक पढ़े। इस लेख को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।