Diwali Puja 2024: हिंदू धर्म में लक्ष्मी पूजा का महत्व काफी ज्यादा है। हर साल लक्ष्मी पूजा दीपावली के दिन ही मनाया जाता है। दीपावली के अवसर पर लक्ष्मी माता की विशेष रूप से पूजा की जाती है। दीपावली को हर साल लोगों द्वारा पूरे देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है। दीपावली के दिन की जाने वाली लक्ष्मी पूजा भगवान लक्ष्मी को समर्पित होता है। लक्ष्मी पूजा हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन मनाई जाती है।
लक्ष्मी पूजा के अवसर पर लोग अपने घर में लक्ष्मी जी की स्थापना करते हैं और उनकी विधि पूर्वक पूजा की जाती है। इसके अलावा लक्ष्मी जी के साथ-साथ इस दिन गणेश जी की भी पूजा की जाती है। हर साल की तरह इस साल भी लक्ष्मी पूजा मनाई जाने वाली है।
ऐसे में आज के इस लेख के द्वारा हम आपको Diwali Puja 2024 | Lakshmi Pujan | लक्ष्मी पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र, आरती जैसे सभी चीजों के बारे में जानकारी देने वाले हैं। अगर आप भी इस साल लक्ष्मी पूजा करना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस लेख को पढ़कर आप अपने पूजा को सही प्रकार से कर पाएंगे। लक्ष्मी पूजा से संबंधित हर जानकारी पाने के लिए नीचे दिए गए लेख को अंत तक पढ़े।
Laxmi Puja 2024 Date (लक्ष्मी पूजा 2024 डेट)
आपको बता दे की हर साल हिंदू पंचांग के हिसाब से लक्ष्मी पूजा का पर्व कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन मनाई जाती है। साल 2024 में इस तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर को दोपहर 2:52 से हो रहा है, वही इस तिथि की समापन 1 नवंबर को शाम 6:16 पर होगा। इस हिसाब से इस साल लक्ष्मी पूजा का पर्व 1 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। लक्ष्मी पूजा के दिन ही दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है, इसीलिए लक्ष्मी पूजा और दीपावली एक ही दिन होता हैं।
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Laxmi Puja 2024 Shubh Muhurat (लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त 2024)
साल 2024 में लक्ष्मी पूजा का त्योहार 1 नवंबर 2024 को मनाया जाने वाला है। ऐसे में इस दिन लक्ष्मी जी का पूजा शुभ मुहूर्त में करना चाहिए क्योंकि इससे माता लक्ष्मी ज्यादा प्रसन्न होती है। साल 2024 में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर को शाम 5:36 से शुरू होगा जो की 6:16 तक रहेगा। इसी समय के दौरान सभी लोगों को लक्ष्मी पूजा करना है। I
- प्रदोष काल – 05:36 PM से 08:11 PM
- वृषभ काल – 06:20 PM से 08:15 PM
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Laxmi Puja Vidhi (लक्ष्मी पूजा विधि)
लक्ष्मी पूजा के दिन हमें भगवान लक्ष्मी की पूजा विधि के अनुसार करना चाहिए, जो की परंपरागत और धार्मिक रूप से विशेष महत्व रखती है। यहां पर हमने लक्ष्मी पूजा विधि के बारे में जानकारी दी है जिसे आप पढ़ सकते हैं:-
- लक्ष्मी पूजा के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करना चाहिए।
- इसके बाद लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त के दौरान लाल और पीले कपड़े पर भगवान लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र को स्थापना करना चाहिए।
- इसके बाद भगवान की मूर्ति को अच्छे से स्नान कारएं और चित्र को अच्छे से साफ करना चाहिए।
- इसके बाद भगवान लक्ष्मी के सामने नारियल रखकर कलश की स्थापना करना चाहिए।
- इसके बाद कलश के पास धूप और दीप जलाए और हमेशा यह ध्यान जरूर रखें कि देवताओं के लिए जलाया गया दीपक स्वयं कभी न बुझ सके।
- इसके बाद माता लक्ष्मी के मस्तक पर कुमकुम, हल्दी, चंदन और चावल चढ़ाना चाहिए, और फिर उन पर हार एवं फुल अर्जित करना चाहिए।
- इसके बाद माता लक्ष्मी की पूजा विधिपूर्वक के द्वारा करना चाहिए।
- पूजा खत्म होने के बाद माता लक्ष्मी की आरती करना चाहिए और उन पर भोग लगाना चाहिए।
- पूजा खत्म होने के बाद भगवान लक्ष्मी पर चढ़ाए हुए प्रसाद को सभी लोगों में बांटना चाहिए।
- इस प्रकार किया गया लक्ष्मी पूजन को अधिक महत्व दिया जाता है और साथ ही पूजा प्रभावी और फलदायक माना जाता है।
लक्ष्मी पूजा मंत्र (Laxmi Puja Mantra)
लक्ष्मी पूजा के दौरान लक्ष्मी मंत्र का जाप जरुर करना चाहिए, क्योंकि लक्ष्मी मंत्र से लक्ष्मी माता प्रसन्न होती है और आशीर्वाद देती है।
“ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः” “ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः”
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लक्ष्मी पूजा आरती (Laxmi Puja Aarti)
लक्ष्मी पूजा खत्म होने के बाद लक्ष्मी पूजा आरती करना बेहद ही जरूरी है:-
लक्ष्मीजी की आरती :
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निस दिन सेवत हर-विष्णु-धाता ॥ॐ जय…
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता ।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ॐ जय…
तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता ।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता ॥ॐ जय…
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता ॥ॐ जय…
जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता ।
सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता ॥ॐ जय…
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता ।
खान-पान का वैभव सब तुमसे आता ॥ॐ जय…
शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता ॥ॐ जय…
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता ।
उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता ॥ॐ जय…
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